ब्रिटेन नहीं जा पाएंगे भारतीय रसोइये
१५ मार्च २०११एक अनुमान के मुताबिक सरकार के सोमवार के फैसले से भारतीय रेस्त्रां उद्योग को कम से कम 3.2 अरब पाउंड का नुकसान होगा. सरकार ने यूरोपीय संघ के बाहर से रसोइयों की भर्ती पर रोक लगा दी है. इसके अलावा पाइप वेल्डर्स, एयरफ्रेम फिटर्स, बिजली उद्योग के साइट सुपरवाइजर, मांस काटने वाले, भेड़ों से ऊन उतारने वाले, प्रॉप्रटी एजेंट, हेयर ड्रेसर और ब्यूटी सलून के मैनेजर भी इस सूची से बाहर कर दिए गए हैं. यानी इन्हें भी यूरोपीय संघ के बाहर के देशों से ब्रिटेन में काम करने के लिए नहीं लाया जा सकेगा.
भारतीय रेस्तरां उद्योग परेशान
इससे पहले भी रसोइयों की भर्ती पर कई तरह की पाबंदियों ने मुश्किलें पैदा की थीं लेकिन सोमवार के एलान के बाद तो भारतीय रेस्त्रां उद्योग आंदोलन पर भी उतर सकता है. 2008 में सरकार ने रसोइयों की तन्ख्वाह का स्तर बढ़ा दिया था जिसके बाद भारतीय रेस्त्रां के मालिक सड़कों पर उतर आए थे.
गृह मंत्रालय ने कहा है कि अब यूरोपीय संघ के बाहर से वही रसोइये ब्रिटेन में काम करने के लिए आने के काबिल माने जाएंगे जो ग्रैजुएट होंगे और उनके पास कम से कम पांच साल का अनुभव होगा. साथ ही रेस्त्रां मालिकों को उन्हें कम से कम 28,260 पाउंड की सालाना तन्ख्वाह देनी होगी. ब्रिटेन के रेस्त्रां मालिक इस तन्ख्वाह को बहुत ज्यादा बताते हैं.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सोमवार को पेशों की नई सूची जारी हो जाने के बाद ब्रिटेन में विदेशियों के लिए नौकरियों की तादाद सालाना पांच लाख से घटकर दो लाख 30 हजार रह जाएगी. आप्रवासन मंत्री डेमियन ग्रीन ने कहा, "सूची में इन बदलावों से सुनिश्चित होगा कि कुशल कामगार ही ब्रिटेन आएं. तब कंपनियां उन्हीं कामगारों को लाएंगी जिनकी वाकई जरूरत है और खाली जगहों को भरने के लिए सिर्फ प्रवासियों को ही लाने से निजात मिलेगी."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार